Jagjit Singh and Chitra Singh - Pahle To Apne Dil Ki Raza Jaan Jaiye

पहले तो अपने दिल की रज़ा जान जाइए
पहले तो अपने दिल की रज़ा जान जाइए
फिर जो निगाह-ए-यार कहे मान जाइए
पहले तो अपने दिल की रज़ा जान जाइए

पहले मिजाज़-ए-राहगुजर जान जाइए
फिर गर्द-ए-राह जो भी कहे मान जाइए
पहले मिजाज़-ए-राहगुजर जान जाइए

कुछ कह रहीं हैं आपके सीने की धड़कनें
कुछ कह रहीं हैं आपके सीने की धड़कनें
कुछ कह रहीं हैं आपके सीने की धड़कनें
मेरा नहीं तो दिल का कहा मान जाइए
मेरा नहीं तो दिल का कहा मान जाइए
मेरा नहीं तो दिल का कहा मान जाइए
पहले मिजाज़-ए-राहगुजर जान जाइए

इक धूप सी जमी है निगाहों के आसपास
इक धूप सी जमी है निगाहों के आसपास
इक धूप सी जमी है निगाहों के आसपास
ये आप हैं तो आप पे कुर्बान जाइए
ये आप हैं तो आप पे कुर्बान जाइए
ये आप हैं तो आप पे कुर्बान जाइए
पहले तो अपने दिल की रज़ा जान जाइए

शायद हुज़ूर से कोई निस्बत हमें भी हो (शायद हुज़ूर से कोई निस्बत हमें भी हो)
शायद हुज़ूर से कोई निस्बत हमें भी हो (शायद हुज़ूर से कोई निस्बत हमें भी हो)
शायद हुज़ूर से कोई निस्बत हमें भी हो (शायद हुज़ूर से कोई निस्बत हमें भी हो)
आँखों में झांककर हमें पहचान जाइए (आँखों में झांककर हमें पहचान जाइए)
आँखों में झांककर हमें पहचान जाइए (आँखों में झांककर हमें पहचान जाइए)
आँखों में झांककर हमें पहचान जाइए (आँखों में झांककर हमें पहचान जाइए)

पहले मिजाज़-ए-राहगुजर जान जाइए
पहले तो अपने दिल की रज़ा जान जाइए

Written by:
IBRAHIM ASHK, JAGJIT SINGH

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Jagjit Singh and Chitra Singh

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