Chitra Singh - Lab - E - Khamosh Se
लब-ए-खामोश से इज़हार-ए-तमन्ना चाहे
लब-ए-खामोश से इज़हार-ए-तमन्ना चाहे
बात करने को भी तस्वीर का लहजा चाहे
लब-ए-खामोश से इज़हार-ए-तमन्ना चाहे
चाहे, चाहे, चाहे
तू चले साथ तो आहट भी ना आये अपनी
तू चले साथ तो आहट भी ना आये अपनी
दरमिया हम भी ना हो यूँ तुझे तनहा चाहे
लब-ए-खामोश से इज़हार-ए-तमन्ना चाहे
चाहे, चाहे, चाहे
ख़्वाब में रोयें तो एहसास हो सैराबी का
ख़्वाब में रोयें तो एहसास हो सैराबी का
रेत पर सोचे मगर आँख में दरिया चाहे
लब-ए-खामोश से इज़हार-ए-तमन्ना चाहे
चाहे, चाहे, चाहे
ऐसे तैराक भी देख हैं मुज़फ्फर हमने
ऐसे तैराक भी देखे हैं मुज़फ्फर हमने
गर्क होने के लिये भी जो सहारा चाहे
लब-ए-खामोश से इज़हार-ए-तमन्ना चाहे
बात करने को भी तस्वीर का लहजा चाहे
लब-ए-खामोश से इज़हार-ए-तमन्ना चाहे
चाहे, चाहे, चाहे
Written by:
JAGJIT SINGH, MUZAFFAR WARSI
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
Lyrics powered by Lyric Find