Manna Dey, Hemant Kumar and सुधा मल्होत्रा - Darshan Do Ghanshyam

दर्शन दो घनश्याम नाथ
मोरी अँखियाँ प्यासी रे
दर्शन दो घनश्याम नाथ
मोरी अँखियाँ प्यासी रे
दर्शन दो घनश्याम
मन मंदिर की ज्योति जगा दो

मन मंदिर की ज्योति जगा दो

घट घट बसी रे (घट घट बसी रे)
दर्शन दो घनश्याम (दर्शन दो घनश्याम)

मंदिर मंदिर मूरत तेरी
फिर भी ना दिखे सूरत तेरी
आ आ आ आ

आ आ आ आ

मंदिर मंदिर मूरत तेरी (मंदिर मंदिर मूरत तेरी)
फिर भी ना दिखे सूरत तेरी (फिर भी ना दिखे सूरत तेरी)
युग बीते ना आई मिलन की (युग बीते ना आई मिलन की)
पुरनमसी रे (पुरनमसी रे)
दर्शन दो घनश्याम (दर्शन दो घनश्याम)

द्वार दया का जब तू खोले
पंचम सुर में गूंगा बोले
आ आ आ

द्वार दया का जब तू खोले (द्वार दया का जब तू खोले)
पंचम सुर में गूंगा बोले (पंचम सुर में गूंगा बोले)
अँधा देखे लंगड़ा चल कर (अँधा देखे लंगड़ा चल कर)
पहुँचे कासी रे (पहुँचे कासी रे)
दर्शन दो घनश्याम (दर्शन दो घनश्याम)

पानी पी कर प्यास बुझाउ
नैनन को कैसे समझाउ
आँख मिचौली छोड़ो अब तो
मन के बासी रे
दर्शन दो घनश्याम नाथ
मोरी अँखियाँ प्यासी रे
दर्शन दो घनश्याम

Written by:
Ravi, G S Nepali

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Manna Dey, Hemant Kumar and सुधा मल्होत्रा

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