Jagjit Singh - Mausam Ko Isharon Se
मौसम को इशारों से बुला क्यो नहीं लेते
मौसम को इशारों से बुला क्यो नहीं लेते
रूठा हैं अगर वो तो मना क्यों नहीं लेते
मौसम को इशारों से बुला क्यो नहीं लेते
दीवाना तुम्हारा कोई गैर नहीं
दीवाना तुम्हारा कोई गैर नहीं
मचला भी तो सीने से लगा क्यों नहीं लेते
रुठा हैं अगर वो तो मना क्यों नहीं लेते
मौसम को इशारों से बुला क्यो नहीं लेते
खत लिखकर कभी और कभी खत को जलाकर
खत लिखकर कभी और कभी खत को जलाकर
तन्हाई को रंगीन बना क्यों नहीं लेते
तुम जाग रहे हो मुझे अच्छा नहीं लगता
तुम जाग रहे हो मुझे अच्छा नहीं लगता
चुपके से मेरी नींद चुरा क्यों नहीं लेते
रुठा हैं अगर वो तो मना क्यों नहीं लेते
मौसम को इशारों से बुला क्यो नहीं लेते
Written by:
JAGJIT SINGH, ZAFAR GORAKHPURI
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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