Mohammed Irfan - Akela Hu Main

हो हो हो हो हो

अकेला हूँ मैं
अकेली है ज़िन्दगी
बस तुम्हारी चाहतें
बस तुम्हारी चाहतें
मेरे जिस्मो जान को तुम्हारी ज़रूरतें
बस तुम्हारी चाहतें
बस तुम्हारी चाहतें

तुम्हारे लिए ही तो
सीने में धड़कन है
तुम्हारे लिए ही तो
साँसों में तड़पन है
जो तुम ही नहीं हो तो कुछ भी नहीं है
फूलों में ख़ुश्बू है न कांटों में रंजिश है
तुम्ही मेरी प्यास हो
तुम्ही मेरी बंदगी
बस तुम्हारी चाहतें
बस तुम्हारी चाहतें

वो हो हो हो हो हो
हो हो हो हो

ओ मुसाफिर हूँ मैं
तू मेरी मंज़िल है
खुदा से जो मांगी मैंने
तू ही वो मन्नत है
सजदा करूँ मैं, मांगूँ दुआएं
मेरे खुदा तू मुझपे इतना करम कर दे
मेरे अरमानों की तू ही तो ख़्वाहिश है
बस तुम्हारी चाहतें
बस तुम्हारी चाहतें
अकेला हूँ मैं
अकेली है ज़िन्दगी

Written by:
Subhash Patel

Publisher:
Lyrics © DISTROMACHINE PUBLISHING

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Mohammed Irfan

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