Mohammed Irfan - Iss Dil Ko Thoda

इस दिल को थोड़ा प्यार सिखा दो
खुद में बसा लो मुझे तुम कहीं
चाहे हँसा लो, या तुम रुला लो
पर ना जुदा होना मुझ से कभी
बर्फ़ की तरह पिघल जाओ मुझ पर
होने दे मुझ को तू खुद में फ़ना
इस दिल को थोड़ा प्यार सिखा दो
खुद में बसा लो मुझे तुम कहीं

भिगो दूँ तेरा जिस्म हैं ख़्वाहिशें ये

बनूँ बारिशों का मैं ऐसा समाँ (बारिशों का मैं ऐसा समाँ)

जो बारिश के कतरे हों होंठों पे तेरे
वो कतरे मैं होंठों से लूँ उठा
खुद में बहा लो, या तुम डुबा लो
ऐसे छुपा लो खुद में कहीं
इस दिल को थोड़ा प्यार सिखा दो
खुद में बसा लो मुझे तुम कहीं
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
नशा तेरी साँसों का ऐसा चढ़ा है

कि जी चाहे सारी हदें तोड़ दूँ (जी चाहे सारी हदें तोड़ दूँ)

मिटा दूँ ये दूरी जो है दरमियाँ में
लुटा दूँ मैं तुझ पे है जो कुछ मेरा
खुद में सुला लो या तुम जगा लो
कर दो मुक़म्मल नींदें मेरी
इस दिल को थोड़ा प्यार सिखा दो
खुद में बसा लो मुझे तुम कहीं

Written by:
Sandeep Jaiswal, Vipin Sharma, Rahul Mehar

Publisher:
Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Royalty Network

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Mohammed Irfan

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