Anuradha Paudwal, Roop Kumar Rathod and Kavita Krishnamurthy - Nikla Neem Ke Talese Nikla

निकला नीम के तलेसे निकला
हे निकला राहु के गले से निकला

हा निकला नीम के तलेसे निकला
हे निकला राहु के गले से निकला

ओ पीतल के थाली से पीपल के डाली से
गोल मोल चाँद फिसला
हो निकला नीम के तलेसे निकला
जी रं निकला राहु के गले से निकला
हो ओ पीतल के थाली से पीपल के डाली से
गोल मोल चाँद फिसला रे निकला
गोल मोल चाँद फिसला

जी रं रं जी रं रं जी रं
जी रं रं जी रं रं जी
जी रं रं जी रं रं जी रं
जी रं रं जी रं रं जी

अग बादलो के ढेर में पड़ा था
गीला गीला भीगा खड़ा था
आरं आरं हो चंदोबा आरं आरं हो चंदोबा
शाम से तलाव में नहा के
गीला गीला भीगा खड़ा था
मैने ही उठाया था उठाके
अपनी अंगूठी में चढ़ा था

हाथ से गिरा
आई ग
घुमता फिरा
अग बया बया बया

Worker है वर्दी पे धब्बे है तेल के कारखाने से निकला
निकला रे निकला कारखाने से निकला

गं गं गं बाइ
जी रं फिसला गोल मोल चाँद फिसला फसला की ओ

रात का डकैत है चोर है
सुबह से कतराता है
आरं आरं हो चंदोबा आरं आरं हो चंदोबा
चोर नही डरपोक है
सुबह से कतराता है
इतने अंधेरे निगले है
रोशनी से घबराता है

पगली है रे पन्ना
अरे हसके दिखा हसना

अरे रात का खुदरी है दिल का शिकारी है चाँद बडा पगला

अरे पागला
नीम के तलेसे निकला जी र निकला
राहु के गले से निकला
ओ पीतल के थाली से पीपल के डाली से गोल मोल चाँद फ़िसला

जी रं रं जी रं रं जी रं
जी रं रं जी रं रं जी
जी रं रं जी रं रं जी रं
जी रं रं जी रं रं जी
जी जी जी जी जी जी
जी रं रं जी रं रं जी
जी रं रं जी रं रं जी रं
जी रं रं जी रं रं जी
जी रं रं जी रं रं जी रं
जी रं रं जी रं रं जी
निकला

Written by:
Gulzar

Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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Anuradha Paudwal, Roop Kumar Rathod and Kavita Krishnamurthy

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