Saba Azad - Bhar De Hamaara Glass
ओहो हो हो मेरे यार
छोटा सा अपना कारोबार
कुछ बुद्धि मिल जाए तो
हमे भी थोड़ी दे उधार
साकी भर दे हमारा गिलास
बता दे तेरे अमर होने का राज़
अकेला क्यूँ है रे बंधु
जब हम सब हैं तेरे साथ
अब से जाएगा जिधर तू
तुझे मिलेंगे दो हाथ
इस life के बाद ना कुछ है
और उपर है बस आसमान
लोग जुड़ते गए और बनता गया कारवाँ
मेरी जान
ओहो हो हो मेरे यार
काफ़ी तेज़ है ये धार
टेढ़ी मेढि सी दुनिया में
हो जाएगा बेड़ा पार
साकी भर दे हमारा गिलास (साकी भर दे हमारा गिलास)
बता दे तेरे अमर होने का राज़ (बता दे तेरे अमर होने का राज़)
Written by:
IMAAD SHAH
Publisher:
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