Suresh Wadkar, Alka Yagnik, Chandrani Mukherjee and Sushma Shrestha - Koi Jaye Kashi
कोई जाए काशी कोई जाए मथुरा
कोई जाए हरिद्वार
मेरे लिए तो सब से बड़ा तीर्थ है मेरा घर-द्वार
स्वर्ग से सुन्दर सपनो से
प्यारा हैं अपना घर द्वार
स्वर्ग से सुन्दर सपनो से
प्यारा हैं अपना घर द्वार
हम पर रहे बरसता यू ही
सदा तुम्हारा प्यार
तुम्हारा प्यार न रूठे
कभी घर द्वार न छूटे
तुम्हारा प्यार न रूठे
कभी घर द्वार न छूटे
घर आँगन में खेले
मेरे सूरज चंदा तारे
घर आँगन में खेले
मेरे सूरज चंदा तारे
इनके लिए हैं जीना मुझको
ये जान से प्यारे
कहा मिलेगी ऐसी ममता
इतना प्यार दुलार
तुम्हारा प्यार न रूठे
कभी घर द्वार न छूटे
तुम्हारा प्यार न रूठे
कभी घर द्वार न छूटे
मात पिता तुम मेरे
तुम साथी संग सहारे
मात पिता तुम मेरे
तुम साथी संग सहारे
तुमसे मिला हैं जीवन
तुम हो भगवान हमारे
जन्म ले जब भी गोद तुम्हारी
हमको मिले हर बार
तुम्हारा प्यार न रूठे
कभी घर द्वार न छूटे
स्वर्ग से सुन्दर सपनो से
प्यारा हैं अपना घर द्वार
हम पर रहे बरसता यू ही
सदा तुम्हारा प्यार
तुम्हारा प्यार न रूठे
कभी घर द्वार न छूटे
तुम्हारा प्यार न रूठे
कभी घर द्वार न छूटे
हमको इन्हीं चरणों में हो
हमको इन्हीं चरणों में
जीवन के मिले सुख सारे
इनकी ही पूजा से
जागे हैं भाग हमारे
इनकी ही पूजा से (इनकी ही पूजा से)
जागे है भाग हमारे (जागे है भाग हमारे)
इनकी सेवा कर न सके
तो जीवन है बेकार
तुम्हारा प्यार न रूठे (तुम्हारा प्यार न रूठे)
कभी घर द्वार न छूटे (कभी घर द्वार न छूटे)
तुम्हारा प्यार न रूठे (तुम्हारा प्यार न रूठे)
कभी घर द्वार न छूटे (कभी घर द्वार न छूटे)
तुम्हारा प्यार न रूठे (तुम्हारा प्यार न रूठे)
कभी घर द्वार न छूटे (कभी घर द्वार न छूटे)
तुम्हारा प्यार न रूठे (तुम्हारा प्यार न रूठे)
कभी घर द्वार न छूटे (कभी घर द्वार न छूटे)
Written by:
SAMEER ANJAAN, CHITRAGUPTA
Publisher:
Lyrics © Universal Music Publishing Group
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