Jagjit Kaur - Kahe Ko Byahi Bides

काहे को ब्याहे बिदेस, अरे लखियाँ बाबुल मोहे

काहे को ब्याहे बिदेस, अरे लखियाँ बाबुल मोहे
काहे को ब्याहे बिदेस

हम तो बाबुल तोरे बेले की कलियाँ

हम तो बाबुल तोरे बेले की कलियाँ

अरे घर घर माँगे हैं जाए
अरे लखियाँ बाबुल मोहे

काहे को ब्याहे बिदेस अरे लखियाँ बाबुल मोहे
काहे को ब्याहे बिदेस

हम तो बाबुल तोरे पिंजरे की चिड़िया

हम तो बाबुल तोरे पिंजरे की चिड़िया
अरे कुहुक कुहुक रही जा ये
अरे लखियाँ बाबुल मोहे

काहे को ब्याहे बिदेस अरे लखियाँ बाबुल मोहे
काहे को ब्याहे बिदेस


महला तले से डोला जो निकला

महला तले से डोला जो निकला

अरे बीरन में छाए पछाड़
अरे लखियाँ बाबुल मोहे

काहे को ब्याहे बिदेस अरे लखियाँ बाबुल मोहे
काहे को ब्याहे बिदेस

भैया को दियो बाबुल महला दो महला

भैया को दियो बाबुल महला दो महला

अरे हम को दियो पर्देश
अरे लखियाँ बाबुल मोहे

काहे को ब्याहे बिदेस अरे लखियाँ बाबुल मोहे
काहे को ब्याहे बिदेस अरे लखियाँ बाबुल मोहे
काहे को ब्याहे बिदेस

Written by:
N/A KHAIYYAAM

Publisher:
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Jagjit Kaur

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