Jagjit Singh - Jab Kisi Se Koi Gila Rakhna

जब किसी से कोई गिला रखना
जब किसी से कोई गिला रखना
सामने अपने आईना रखना
सामने अपने आईना रखना
जब किसी से कोई गिला रखना

यूँ उजालों से वास्ता रखना
यूँ उजालों से वास्ता रखना
शम्मा के पास ही हवा रखना
शम्मा के पास ही हवा रखना
सामने अपने आईना रखना
जब किसी से कोई गिला रखना

घर की तामीर चाहे जैसी हो
घर की तामीर चाहे जैसी हो
इस में रोने की कुछ जगह रखना
इस में रोने की कुछ जगह रखना
सामने अपने आईना रखना
जब किसी से कोई गिला रखना

मस्जिदें हैं नमाज़ियों के लिये
मस्जिदें हैं नमाज़ियों के लिये
अपने घर में कहीं ख़ुदा रखना
अपने घर में कहीं ख़ुदा रखना

मिलना जुलना जहाँ ज़रूरी हो
मिलना जुलना जहाँ ज़रूरी हो
मिलने-जुलने का हौसला रखना
मिलने-जुलने का हौसला रखना
सामने अपने आईना रखना
जब किसी से कोई गिला रखना

Written by:
JAGJIT SINGH, NIDA FAZLI

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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