Kanwar Grewal - Chitthiye
ओह मेरे प्यार यार रब्बा
तेरी लिखिया
तू ही जानिया वे हाए
तेरे आँखे ओं बहरा
आँख तेरे ही तुर जानिया वे हाए
चिट्ठिए नि चिट्ठिए
चिट्ठिए नि चिट्ठिए
हंजुआ दी लिखिए
चिट्ठिए नि चिट्ठिए
हंजुआ दी लिखिए
तेरेया नसीबा विच हो
तेरेया नसीबा विच
बोल दुख की है
बोल दुख की है
चिट्ठिए नि चिट्ठिए
हाए पीड कलेजे विच लाके
लुक लुक जग कॉल दे रह के
लफ़जा नू कह देना
बोल किथों सीखिए
हंजुआ दी लिखिए
चिट्ठिए नि चिट्ठिए
चिट्ठिए नि चिट्ठिए
हाए चिट्ठिए नि चिट्ठिए
कितने बेचैन होते होंगे
छोटे छोटे नैन रोते होंगे
सहमे सहमे जागते अकेले
तन्हा सारी रात सोते होंगे
काश की तेरे नाल बह के
रो लैइंदा तेरे दुख लेह के
बोल तेरे खाबा दी
डोर किथों तूतिए
जिंद मेरी ऋठीए
चिट्ठिए नि चिट्ठिए
हाए चिट्ठिए नि चिट्ठिए
हंजुआ दी लिखिए
चिट्ठिए नि चिट्ठिए
हंजुआ दी लिखिए
Written by:
GURPREET SAINI, ROCHAK KOHLI
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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