Hariharan - Hum Ne Ek Shaam
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
अ अ अ आ आ आ ओ ओ ओ
हमने एक शाम
चरागों से सजा रखी है
हमने एक शाम
चरागों से सजा रखी है
शर्त लोगों ने हवाओं
से लगा रखी है
हमने एक शाम
चरागों से सजा रखी है
शर्त लोगों ने हवाओं
से लगा रखी है
हमने एक शाम
चरागों से सजा रखी है
हम भी अंजाम की
परवाह ना करते यारों
हम भी अंजाम की
परवाह ना करते यारों
जान हमने भी
हथेली पे उठा रखी है
जान हमने भी
हथेली पे उठा रखी है
शर्त लोगों ने हवाओं
से लगा रखी है
हमने एक शाम
चरागों से सजा रखी है
शायद आ जाये कोई
हम से ज्यादा प्यासा
शायद आ जाये कोई
हम से ज्यादा प्यासा
बस यही सोच के थोड़ी
सी बचा रखी है
बस यही सोच के थोड़ी
सी बचा रखी है
शर्त लोगों ने हवाओं
से लगा रखी है
हमने एक शाम
चरागों से सजा रखी है
तुम हमें क़त्ल तो
करने नहीं आये लेकिन
तुम हमें क़त्ल तो
करने नहीं आये लेकिन
आसतीनों में ये क्या
चीज छुपा रखी है
आसतीनों में ये क्या
चीज छुपा रखी है
शर्त लोगों ने हवाओं
से लगा रखी है
हमने एक शाम
चरागों से सजा रखी है
हमने एक शाम
चरागों से सजा रखी है
Written by:
Kaif Bhupali, Munavar Masoom, Muzafir Warsi, Shaharyar, Tahir Faraz, Wali Arsi
Publisher:
Lyrics © Royalty Network, Sony/ATV Music Publishing LLC
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