Asha Bhosle - Chaha Tha Ek Shakhs Ko
आँखों को इंतज़ार था, दे के हुनर चला गया
आँखों को इंतज़ार था, दे के हुनर चला गया
चाहा था एक शख्स को
चाहा था एक शख्स को जाने किधर चला गया
चाहा था एक शख्स को जाने किधर चला गया
दिन की वो महफिले गयी, रातों के रत जगे गये
दिन की वो महफिले गयी, रातों के रत जगे गये
कोई समेट कर मेरे
कोई समेट कर मेरे, शानो सहर चला गया
चाहा था एक शख्स को जाने किधर चला गया
झोंका हैं एक बहार का
झोंका हैं एक बहार का, रंगे ख़याल यार भी
झोंका हैं एक
झोंका हैं एक बहार का, रंगे ख़याल यार भी
हर्सू बिखर बिखर गयी
हर्सू बिखर बिखर गयी, खुश्बू जिधर चला गया
चाहा था एक शख्स को जाने किधर चला गया
उसके ही दम से दिल मे आज, धूप भी चाँदनी भी हैं
उसके ही दम से दिल मे आज, धूप भी चाँदनी भी हैं
दे के वो अपनी याद के
दे के वो अपनी याद के, शम्सो कमाल चला गया
चाहा था एक शख्स को जाने किधर चला गया
उछा बकुचा दर बदर
उछा बकुचा दर बदर, कब से भटक रहा है दिल
उछा बकुचा
उछा बकुचा दर बदर, कब से भटक रहा है दिल
हुमको भुला के राह वो
हुमको भुला के राह वो, अपनी डगर चला गया
चाहा था एक शख्स को जाने किधर चला गया
चाहा था एक शख्स को जाने किधर चला गया
Written by:
HASAN KAMAL, KHAYYAM
Publisher:
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