Sadhana Sargam and Suresh Wadkar - Tumsa Koi Nahi

तुमसा कोई नही ज़माने मे
तुमसा कोई नही ज़माने मे
सारी दुनिया को आज़माया है

ऐसा लगता है तुझको मालिक ने
ऐसा लगता है तुझको मालिक ने
सिर्फ़ मेरे लिए बनाया है

तुमसा कोई नही ज़माने मे

फूल जो भी खिले है गुलशन मे
महक तेरे बदन की आई है
फूल जो भी खिले है गुलशन मे
महक तेरे बदन की आई है
होंठ जब भी खिले है तेरे सनम
सारी दुनिया ही मुस्कुराई है
जब भी देखा है चाँद को मैने
जब भी देखा है चाँद को मैने
मुझको तेरा ख़याल आया है

तुमसा कोई नही ज़माने मे

शोखियां आपने सिखाई है
मस्त सावन की इन हवाओं को
शोखियां आपने सिखाई है
मस्त सावन की इन हवाओं को
देख कर आपकी सिया जुल्फे
शरम आने लगी घटाओं को
भीगा भीगा सा ये बदन तौबा
भीगा भीगा सा ये बदन तौबा
मेरा ईमान डगमगाया है

तुमसा कोई नही ज़माने मे

Written by:
ANAND CHITRAGUPTA, AZAD JALANDHARI, MILIND CHITRAGUPTA

Publisher:
Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Royalty Network, Shemaroo Entertainment Limited

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Sadhana Sargam and Suresh Wadkar

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