Vinod Rathod and Kavita Krishnamurthy - Janewale Zara Ruk Ja

हम्म ला ला ला ला ला ला ला ला
हम्म हम्म

न न न रुक जाना
जाना न रुक जाना
जानेवाले ज़रा रुक जा
ये निगाहे बुलाती है
गर्म सांसे बुलाती है
नर्म बाहें बुलाती है
जलता है ये बदन केहनेको तरसे ये मन
जलता है ये बदन केहनेको तरसे ये मन
जैसे दिल बनके धड़कने लगा है सारा मेरा तन
जानेवाले ज़रा रुक जा
ये निगाहे बुलाती है
गर्म सांसे बुलाती है
नर्म बाहें बुलाती है

जागे मेरे दिल में है आये सोये जवां
ओ जागे मेरे दिल में है आये सोये जवां
पुकारे बेक़रार हूँ वो जानती मैं हर हूँ
हो तू शिकारी है मेरा हो मैं तेरा शिकार हूँ
आग लगे मार डालेगी यह तन्हाई मुझे
हाय अंगड़ाई मुझे
और ये रात यु तकती है की जैसे कोई नागिन
जानेवाले ज़रा रुक जा
यह निगाहे बुलाती है
गर्म सांसे बुलाती है
नर्म बाहें बुलाती है

तूने मेरे दिल को दी कितनी बेताबियाँ
तूने मेरे दिल को दी कितनी बेताबियाँ
हो तू है ऐसी नज़म
हैं जो हुस्न से हसी
मुझको तेरे इश्क़ में
कोई होश ही नहीं
कातिल तू ऐसी अदाओं से के मैं दीवाना बनु
एक अफसाना बानो
मेरी नज़रे न छुड़ा पाये तेरी नज़रों से दामन
जानेवाले को जाने दे
उसको राहे बुलाती है
घेर ले वो निगाहें तू
जो निगाहे बुलाती है

जलता है यह बदन
चैन को तरसे यह मन
जलता है यह बदन
चैन को तरसे यह मन
जैसे दिल बनके धड़कने लगा है सारा मेरा तन
जानेवाले ज़रा रुक जा
यह निगाहे बुलाती है
गर्म साँसे बुलाती है
नर्म बाहें बुलाती है
हम्म हम्म हो हो
हम्म हम्म हम्म हम्म
हो हो हो हो
हम्म हम्म हम्म हम्म

Written by:
JAVED AKHTAR, LAXMIKANT PYARELAL

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Vinod Rathod and Kavita Krishnamurthy

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