Jagjit Singh - Muddat Men Woh Phir

मुद्दत में वो फिर ताज़ा मुलाक़ात का आलम
मुद्दत में वो फिर ताज़ा मुलाक़ात का आलम
ख़ामोश अदाओं में वो जज़्बात का आलम

अल्लाह रे वो शिद्दत-ए-जज़्बात का आलम
अल्लाह रे वो शिद्दत-ए-जज़्बात का आलम
कुछ कह के वो भूली हुई हर बात का आलम
कुछ कह के वो भूली हुई हर बात का आलम

आरिज़ से ढलकते हुए शबनम के वो क़तरे
आरिज़ से ढलकते हुए शबनम के वो क़तरे
आँखों से झलकता हुआ बरसात का आलम
आँखों से झलकता हुआ बरसात का आलम

वो नज़रों ही नज़रों में सवालात की दुनिया
वो नज़रों ही नज़रों में सवालात की दुनिया
वो आँखों ही आँखों में जवाबात का आलम
वो आँखों ही आँखों में जवाबात का आलम
मुद्दत में वो फिर ताज़ा मुलाक़ात का आलम
ख़ामोश अदाओं में वो जज़्बात का आलम

Written by:
Jigar Muradabadi, Jagjit Singh

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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