Aman Trikha and Swati Sharma - Saiyyan

रंग दे मोहे प्रीत के रंग में मोरे रंगरेज पिया
तेरी राह नु तकिया वे मैं ना
तेरी यादां विच धड़के है थम थम के अब ये मोरा जिया
किसी करवट आवे न चैना

रातें तेरे बिन सोवे ना सुबहा तेरे बिन होवे ना
साँसें तेरे बिन आवे ना सैयाँ आ आ आ
यादें आके जावे ना कुछ भी तेरे बिन भावे ना
रब्बा ज़ुल्म ये ढावे ना सैयाँ आ आ आ

रस्ते पे नैना बीछे हुवे हैं
तेरे निशानों पे रुके हुवे हैं
आओगे एक दिन तुम यहीं दुआ
उम्मीद के होठों पे रखे हुवे हैं
धुन में तेरी खुद को धुन लिया आ आ आ

तड़पत है बैठ मुंडरिया उतरि न सर से इश्क चढ़ा
तेरे नाम की जप्ता है माला आ आ आ
रंगत उड़ गई मुखड़े की तन मन है सब उजड़ा पड़ा
हर एक रंग लगता है काला

रातें तेरे बिन सोवे ना सुबहा तेरे बिन होवे ना
साँसें तेरे बिन आवे ना सैयाँ आ आ आ
यादें आके जावे ना कुछ भी तेरे बिन भावे ना
रब्बा ज़ुल्म ये ढावे ना सैयाँ आ आ आ

आ आ आ आ आ आ आ

रूठा मुक़द्दर मना लिया है
किस्मत में तुझको लिखा लिया है
दर्द ए जुदाई का सारा गम
खुशियों के पीछे छुपा लिया है
तूने कहा न जो सुन लिया आ आ आ

सुन के सजना की आहट लेने लगा अंगडाई जिया
अमृत जिंदड़ी विच भर डाला आ आ
धूल के ऊजला हो बैठ यार की दीद से मन मैला
अनगीन खुसियों से पडा पाला आ आ

रातें तेरे बिन सोवे ना सुबहा तेरे बिन होवे ना
साँसें तेरे बिन आवे ना सैयाँ आ आ आ
यादें आके जावे ना कुछ भी तेरे बिन भावे ना
रब्बा ज़ुल्म ये ढावे ना सैयाँ आ आ आ

रंग दे मोहे प्रीत के रंग में मोरे रंगरेज पिया
तेरी राह नु तकिया वे मैं ना

Written by:
A M Turaz

Publisher:
Lyrics © Raleigh Music Publishing LLC

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Aman Trikha and Swati Sharma

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