Bhupinder Singh - Ik Raat Chalo

इक रात चलो तामीर करे
इक रात चलो तामीर करे

खामोशी के संग ए मरमर पर (संग ए मरमर पर)
संग ए मरमर पर (संग ए मरमर पर)
खामोशी के संग ए मरमर पर (संग ए मरमर पर)
संग ए मरमर पर (संग ए मरमर पर)

इक रात चलो तामीर करे
इक रात चलो तामीर करे

हम तान के तरीकी सर पर दो शम्मे जलाए जिस्मों की
हम तान के तरीकी सर पर दो शम्मे जलाए जिस्मों की
जब ओस दबे पावं उतरे
जब ओस दबे पावं उतरे आहट भी ना पाए सासों की

खामोशी के संग ए मरमर पर (संग ए मरमर पर)
संग ए मरमर पर (संग ए मरमर पर)
खामोशी के संग ए मरमर पर (संग ए मरमर पर)
संग ए मरमर पर (संग ए मरमर पर)

इक रात चलो तामीर करे
इक रात चलो तामीर करे

कोहरे की रेशमी खुश्बू मे खुश्बू की तरह ही लिपटे रहें
कोहरे की रेशमी खुश्बू मे खुश्बू की तरह ही लिपटे रहें
और जिस्म की सोंधे पर्दों मे
और जिस्म की सोंधे पर्दों मे रूहों की तरह लहराते रहें

खामोशी के संग ए मरमर पर (संग ए मरमर पर)
संग ए मरमर पर (संग ए मरमर पर)
खामोशी के संग ए मरमर पर (संग ए मरमर पर)
संग ए मरमर पर (संग ए मरमर पर)

इक रात चलो तामीर करे
इक रात चलो तामीर करे
तामीर करे, तामीर करे

तामीर करे (तामीर करे)
तामीर करे (तामीर करे)
तामीर करे (तामीर करे)
तामीर करे (तामीर करे)
तामीर करे (तामीर करे)

Written by:
GULZAR, BHUPINDER SINGH

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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