Mohammed Aziz and Anuradha Paudwal - Jab Pyar Kiya

पत्थर के सनम कुछ बोल ज़रा
तस्वीर बना क्या सोच रहा
जब प्यार किया इकरार किया
जब प्यार किया इकरार किया
दिल ने फिर क्यों बेक़रार किया

एक अकेला दिल ज़िन्दगी मुश्किल
एक अकेला दिल ज़िन्दगी मुश्किल
लोग बेगाने यहाँ के अनजाने दिल की मंजिल

जब प्यार किया इकरार किया
दिल ने फिर क्यों बेक़रार किया

एक अकेला दिल ज़िन्दगी मुश्किल
लोग बेगाने यहाँ के अनजाने दिल की मंजिल

जब प्यार किया इकरार किया

कोई नहीं देता जो साथ तेरा
ले ले पिया हाथों में हाथ मेरा
कोई नहीं देता जो साथ तेरा
ले ले पिया हाथों में हाथ मेरा
पल में बदल दूंगी दुनिया तेरी
पल में बदल दूंगी दुनिया तेरी
मानो सजन मेरी बात ज़रा

ओ दिलदार अपने प्यार
के अंजाम से डरता है दिल

जब प्यार किया इकरार किया

दिल ने फिर क्यों बेक़रार किया

यही है इरादा सनम अपना
बेहके ना उठके कदम अपना
यही है इरादा सनम अपना
बेहके ना उठके कदम अपना
बड़े अरमानों से देखा है
बड़े अरमानों से देखा है
प्यार का ये पहला सपना

करके प्यार दिलबर यार
क्यों अंजाम से डरता है दिल

जब प्यार किया इकरार किया

दिल ने फिर क्यों बेक़रार किया
एक अकेला दिल ज़िन्दगी मुश्किल
एक अकेला दिल ज़िन्दगी मुश्किल
लोग बेगाने यहाँ के अनजाने दिल की मंजिल

जब प्यार किया इकरार किया (जब प्यार किया इकरार किया)
दिल ने फिर क्यों बेक़रार किया (जब प्यार किया इकरार किया)

Written by:
LAXMIKANT SHANTARAM KUDALKAR, MAJROOH SULTANPURI, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA

Publisher:
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