Nazia Hassan and ज़ोहेब हसन - Teri Yaad
सूरज चलता है चलते चलते ढलता है
फूल भी खिलता है खिलके फिर मुरझता है
लहरे भी आती है किनारे पे खो जाती है
ज़िंदगी ऐसे ही ख्वाब सी हो जाती है
हो ओ ओ ओ जाने क्यू तेरी याद आती है
मिटती ही बस बढती जाती है
ढूंढू अब तुझको कहाँ
सुना सुना मेरा जहाँ
मेरे पास अब है क्या बस तेरी याद
ख्वाब इन आँखो के टूट भी जाते है
साथ जो चलते है छूट भी जाते है
जाने क्यू तेरी याद आती है
मिटती ही बस बढती जाती है
ढूंढू अब तुझको कहाँ
सुना सुना मेरा जहाँ
मेरे पास अब है क्या बस तेरी याद
सूरज चलता है चलते चलते ढलता है
फूल भी खिलता है खिलके फिर मुरझता है
लहरे भी आती है किनारे पे खो जाती है
ज़िंदगी ऐसे ही खवाब सी हो जाती है
तेरी याद हाँ आ हाँ हाँ हाँ
तेरी याद हाँ आ
Written by:
Zoheb Hassan
Publisher:
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