Sujit Shankar - Chali Kahan O Janu

चली कहाँ ओ जानु
लेके मेरा दीवानापन
चली कहाँ ओ जानु
लेके मेरा दीवानापन
दिल की सदा रोके
ऐसे खफा हो के जाओ ना
हे हे हा ओ
चली कहाँ ओ जानु
लेके मेरा दीवानापन
दिल की सदा रोके
ऐसे खफा हो के जाओ ना हा हा

जु जु जु जु ला ला ला
आ ज़रा पास आ
रूठो ना ऐसे बेवजह
ये बता दो तुम ज़रा
हमसे हुई है क्या खता
दिल के मारे
हम तुम्हारे है दीवाने हा हा
चली कहाँ ओ जानु जानु जानु जानु
लेके मेरे दीवानापन
दील की सदा रोके
ऐसे खफा हो के जाओ ना
जाओ ना

अजनबी लग रही
तेरी अदाएं जाने ना
दे रहा दिल तुझे
फिर भी सदाएँ माने ना
दिल जलाने के ये सारे है बहाने हा हा
चली कहाँ ओ जानु जानु
लेके मेरे दीवानापन
दिल की सदा रोके
ऐसे खफा हो के जाओ ना
जाओ ना
हे हा ओ
चली कहाँ ओ जानु
लेके मेरा दीवानापन
दिल की सदा रोके
ऐसे खफा हो के जाओ ना

Written by:
Ghulam Mohd Khavar

Publisher:
Lyrics © Raleigh Music Publishing LLC

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Sujit Shankar

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