Suman Kalyanpur - Jo Ham Pe Guzarti Hai Tanha

जो हम पे गुज़रती है तनहा किसे समझाएँ
तनहा किसे समझाएँ
समझे तो नही ये जाएँ तो किधर जाएँ
जाएँ तो किधर जाएँ

जब जान-ए-वफ़ा तेरी फ़ुरक़त ना सताएगी
वो सुबह कब आएगी, वो शाम कब आएगी
कब तक दिल-ए-नादाँ को हम वादों से बहलाएँ
हम वादों से बहलाएँ
तुम भी तो नहीं मिलते जाएँ तो किधर जाएँ
जाएँ तो किधर जाएँ

आजा कि मुहब्बत की मिटने को हैं तसवीरें
आजा कि मुहब्बत की मिटने को हैं तसवीरें
पहरे हैं निगाहों पे और पाँव में ज़ंजीरें
बस में ही नहीं वरना हम उड़के चले आएँ
हम उड़के चले आएँ
बस में ही नहीं वरना हम उड़के चले आएँ
हम उड़के चले आएँ
जो हम पे गुज़रती है तनहा किसे समझाएँ
तनहा किसे समझाएँ

Written by:
Khaiyyaam, Majrooh Sultanpuri

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Suman Kalyanpur

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