Asha Bhosle - Aji Tum Kitne Haseen Ho
अच्छा तो मे इतना हसीन हूँ
अजी तुम कितने हसीं हो ये मेरे दिल से तो पूछो
अजी तुम कितने हसीं हो ये मेरे दिल से तो पूछो
ये नज़र कितनी है कातिल किसी बिस्मिल से तो पूछो
अजी तुम कितने
अजी तुम कितने हसीं हो ये मेरे दिल से तो पूछो
ये नज़र कितनी है कातिल किसी बिस्मिल से तो पूछो
अजी तुम कितने
कही जो साथ होते हुस्न तेरा और सबाब अपना
जमाना ढूंढता रहता न मिलता फिर जवाब अपना
नहीं तो किस लिए प्यारे ये निगाहे जो उठी है
नहीं तो किस लिए प्यारे ये निगाहे जो उठी है
मेरे चहरे से मचल कर तेरे चहरे पर रुकी है
मेरे चहरे से मचल कर तेरे चहरे पर रुकी है
अजी तुम को क्या हो जरा महफ़िल से तो पूछो
जरा महफ़िल से तो पूछो
अजी तुम कितने ये मेरे दिल से तो पूछो
ये नज़र कितनी है कातिल किसी बिस्मिल से तो पूछो
अजी तुम कितने
आ जाती बिजलियाँ टूटे
उठायी कौन महफ़िल से ए ए ए
जिगर में आग सी भड़की
धुआँ उठने लगे दिल से
कोई कहता है ठहर जा
अरे कातिल अरे कातिल
कोई कहता है ठहर जा
अरे कातिल अरे कातिल
किसी लब पर ये सदा है
मेरा दिल हाय मेरा दिल
किसी लब पर ये सदा है
मेरा दिल हाय मेरा दिल
उठी है कैसी क़यामत जरा महफ़िल से तो पूछो
जरा महफ़िल से तो पूछो
अजी तुम कितने हसीं हो ये मेरे दिल से तो पूछो
ये नज़र कितनी है कातिल किसी बिस्मिल से तो पूछो
अजी तुम कितने
Written by:
Khaiyyaam, Majrooh Sultanpuri
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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