Kavita Krishnamurthy and Sudesh Bhosle - Mera Long Kho Gaya
कैसे घर जाऊ शर्माऊ घबराऊ
कैसे घर जाऊ शर्माऊ घबराऊ
ओये बेलिए ओये बेलिए ढूँढ दे हाए रे
मेरा लौंग खो गया ज़रा ढूँढ ज़रा ज़रा ढूँढ दे
ज़रा ढूँढ दे माही रे मेरा लौंग खो गया
लौंग खो गया नि मेरा लौंग खो गया
कैसे घर जाऊ शर्माऊ घबराऊ
ओये बेलिए ओये बेलिए ढूँढ दे हाए रे
मेरा लौंग खो गया ओ मेरा लौंग खो गया
पूछेगा जो कोई तो बहाना क्या बनाउंगी
छेड़ेंगी सहेलिया मैं कट कट जाउंगी
मैं कट कट जाउंगी
बाली थी उमर मुझे हुई ना खबर
बाली थी उमर मुझे हुई ना खबर
क्या गजब हो गया हाए रे मेरा लौंग खो गया
ज़रा ढूँढ ज़रा ज़रा ढूँढ दे ज़रा ढूँढ दे माही रे
मेरा लौंग खो गया हो मेरा लौंग खो गया
लौंग चुराया किसने सुनले जोगी कहता है
ढूँढ ना उसको शहर मे वो
तेरे दिल मे रहता है तेरे दिल मे रहता है
नाम ना बताऊंगा तू सुनके शरमाएगी
सामने जो आया दिल थम के रह जाएगी
सुध बिसराई उसकी बातो मे जो आई
सुध बिसराई उसकी बातो मे जो आई
क्या ज़ुल्म हो गया हाए रे मेरा लौंग खो गया
ज़रा ढूँढ ज़रा ज़रा ढूँढ दे ज़रा ढूँढ दे माही रे
मेरा लौंग खो गया हो मेरा लौंग खो गया
भोलेपन मे लूट गयी देखो मैं भोली नादान
लौंग चुराकर ले गया मेरा साजन बेईमान
पागल है वो तुझ पर तू जो उसका कहना मान
दिल तो दिल है जान भी अपनी कर देगा कुर्बान
कर देगा कुर्बान
बात नही करूँगी जो मुझे वो सताएगा
लौंग चुराया तेरा दिल भी चुराएगा
काँपे है जिया हाए उसे क्या पता
काँपे है जिया हाए उसे क्या पता
क्या सितम हो गया हाए रे मेरा लौंग खो गया
ज़रा ढूँढ ज़रा ज़रा ढूँढ दे ज़रा ढूँढ दे माही रे
मेरा लौंग खो गया
कैसे घर जाऊ शर्माऊ घबराऊ
ओये बेलिए ओये बेलिए ढूँढ दे हाए रे मेरा लौंग खो गया
ज़रा ढूँढ ज़रा ज़रा ढूँढ दे ज़रा ढूँढ दे माही रे
मेरा लौंग खो गया
लौंग खो गया नि मेरा लौंग खो गया
कैसे घर जाऊ शर्माऊ घबराऊ
ओये बेलिए ओये बेलिए ढूँढ दे हाए रे
मेरा लौंग खो गया रे मेरा लौंग खो गया
ओ मेरा लौंग खो गया रे मेरा लौंग खो गया
Written by:
Hasan Kamal
Publisher:
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