Sunidhi Chauhan - Mumbai Mein Aake
हो हो हो हो हो
दीवानों का दिल हुआ बेकरार
इश्क़ का चढ़ा इन पे कैसा बुखार
अरे वाह क्या बात है रानी
हा दीवानों का दिल हुआ बेकरार
इश्क़ का चढ़ा इन पे कैसा बुखार
दो चार पल मे क्या होगा कल मे
सोच के मैं डर गयी गयी गयी
आई ग मुंबई मे आके फस गयी फस गयी
मुंबई मे आके फस गयी
मुंबई मे आके फस गयी
ए शानी क्या बोल रेल्ली है तू
देख आगया तेरा सल्लू
हो हो हो हो हो हे
होंठो पे प्यास है सांसो मे आग है
हर किसी का दिल बाबू गावठी पे lock है
ए सच बोलती है क्या तेरे लिए तो सल्लू कालिया बहुत है
पतली कमरिया नैना कटारी
जो देखे वो बोले है मालगाड़ी
अरे इसको उठा ले रे
नज़रो से दिल मे उतर गयी गई गई
आयला मुंबई मे आके फस गयी फस गयी
मुंबई मे आके फस गयी
मुंबई मे आके फस गयी
झींगरी चिका टुँगरी चिका झिन झीना झीन चिका
हाय हाय हाय (हो हो हो)
ये पोरी
फूलों सा तन है नाजुक बदन है
ऐसा नशा हूँ के छेड़े पवन है
ए साला कोई भी फोड़ेगा सल्लू टपका डालेगा क्या
नज़रो से वार गयी सत्रह को पार गयी
छूने से चढ़ जाएं वो पहले धार की
ए चख के देखूं क्या रे
दिल की लगी मेरी बढ़ गयी गयी गयी गयी
मुंबई मे आके फस गयी फस गयी
मुंबई मे आके फस गयी
मुंबई मे आके फस गयी
दीवानों का दिल हुआ बेकरार
इश्क़ का चढ़ा इन पे कैसा बुखार
दो चार पल मे क्या होगा कल मे
सोच के मैं डर गयी गयी गयी
आई ग मुंबई मे आके फस गयी फस गयी
हा मुंबई मे आके फस गयी
मुंबई मे आके फस गयी
मुंबई मे आके फस गयी
अभी तू अपुन के पास आके फस गई रे हा हा हा
Written by:
ASLAM SANI, DILIP SEN, SAMEER SEN
Publisher:
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