हेमलता - Ankhiyon Ke Jharokhon Se
अखियों के झरोखों से मैने देखा जो सांवरे
अखियों के झरोखों से मैने देखा जो सांवरे
तुम दूर नज़र आए बड़ी दूर नज़र आए
बंद करके झरोखों को ज़रा बैठी जो सोचने
बंद करके झरोखों को ज़रा बैठी जो सोचने
मन में तुम्हीं मुस्काए मन में तुम्हीं मुस्काए
अखियों के झरोखों से
इक मन था मेरे पास वो अब खोने लगा है
पाकर तुझे हाय मुझे कुछ होने लगा है
इक मन था मेरे पास वो अब खोने लगा है
पाकर तुझे हाय मुझे कुछ होने लगा है
इक तेरे भरोसे पे सब बैठी हूँ भूल के
इक तेरे भरोसे पे सब बैठी हूँ भूल के
यूँही उम्र गुज़र जाए तेरे साथ गुज़र जाए
अखियों के झरोखों से
जीती हूँ तुम्हें देख के मरती हूँ तुम्हीं पे
तुम हो जहाँ साजन मेरी दुनिया है वहीं पे
जीती हूँ तुम्हें देख के मरती हूँ तुम्हीं पे
तुम हो जहाँ साजन मेरी दुनिया है वहीं पे
दिन रात दुआ माँगे मेरा मन तेरे वास्ते
दिन रात दुआ माँगे मेरा मन तेरे वास्ते
कहीं अपनी उम्मीदों का कोई फूल न मुरझाए
अखियों के झरोखों से
मैं जब से तेरे प्यार के रंगों में रंगी हूँ
जगते हुए सोई रही नींदों में जगी हूँ
अम्म अम्म
मैं जब से तेरे प्यार के रंगों में रंगी हूँ
जगते हुए सोई रही नींदों में जगी हूँ
मेरे प्यार भरे सपने कहीं कोई न छीन ले
मेरे प्यार भरे सपने कहीं कोई न छीन ले
मन सोच के घबराए यही सोच के घबराए
अखियों के झरोखों से मैने देखा जो सांवरे
तुम दूर नज़र आए बड़ी दूर नज़र आए
बंद करके झरोखों को ज़रा बैठी जो सोचने
मन में तुम्हीं मुस्काए मन में तुम्हीं मुस्काए
अहं हं हं हं हं हं
अहं हं हं हं
Written by:
Ravindra Jain
Publisher:
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