Geeta Dutt and Mohammed Rafi - Ankhon Hi Ankhon Mein

आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में

गाते हो गीत क्यूँ दिल पे क्यूँ हाथ है
खोए हो किस लिये ऐसी क्या बात है
ये हाल कब से तुम्हारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में

चलते हो झूम के बदली है चाल भी
नैंनों में रंग है बिखरे हैं बाल भी
किस दिलरुबा का नज़ारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में

अब ना वो ज़ोर है अब ना वो शोर है
हमको है सब पता दिल में क्या चोर है
ये चोर कैसे गंवारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में

कैसा ये प्यार है कैसा ये नाज़ है
हम भी तो कुछ सुनें हमसे क्या राज़ है
अच्छा तो ये दिल हमारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में

Written by:
JAN NISAR AKHTAR, MAJROOH SULTANPURI, O.P. NAYYAR

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Geeta Dutt and Mohammed Rafi

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