सतीश देहरा, Ravindra Jain and Satish Dehra - Jis Karan Aaye Us Karaj Shri Raghuvir Chaley
रामबाण असूरन के भूखे, रामबाण का लक्ष्य ना चुके
धर्म के रथ पर, कर्म के पथ पर
बढ़ चले आगे, राम धनुर्धर, बढ़ चले आगे, राम धनुर्धर
अत्याचारी असूरों पर
अत्याचारी असूरों पर (अत्याचारी असूरों पर)
रघुवर के तीर चले (रघुवर के तीर चले)
जिस कारण आए उस कारज (जिस कारण आए उस कारज)
श्री रघुवीर चले (श्री रघुवीर चले)
भरत राज सेवा मे लागे
उर्मिल दीप जला कर जागे
मात कौशल्या, खड़ी झरोखे
सूत आँवन का पथ अवलोके
पलछिन गिन गिन रस्ता देखा
पर नही घटी प्रतीक्षा-रेखा
पर नही घटी प्रतीक्षा-रेखा
आँवन का पथ , देखत देखत, बीत गये दस साल
अखियाँ सुनी, जीवन सुना, श्वेत भए सब बाल
उधर राम, कर्तव्य के पथ पर, बढ़ते जाए निरंतर
कर्मवीर के लिए नही कुछ, हर्ष विषाद मे अंतर
Written by:
Ilaiyaraaja, Sujatha
Publisher:
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