Kamaal Khan - Kya Yehi Pyar Hai
दिल धड़कने लगा
याद जब तुझको किया
कोई तो बताए ये क्या है
क्या यही प्यार है
क्या यही प्यार है
बैठा हूँ मैं नदिया के किनारे
ठंडी हवाएँ चाँद सितारे
अपने हाथो को मैं उठाकर
तुझको ही माँगा ही मैने रब से
पहली बार ऐसे हुआ
माँगी है मैने दुआ
कोई तो बताए क्या है
क्या यही प्यार है
क्या यही प्यार है
रातों की मेरी नींद गयी है
दिन को भी अब चैन नही है
देख के तुमको ये सोचता हूँ
तेरा भी क्या हाल यही है
दिल धड़कने लगा
याद जब तुझको किया
कोई तो बताए क्या है
क्या यही प्यार है
क्या यही प्यार है
क्या यही प्यार है
क्या यही प्यार है
क्या यही प्यार है
क्या यही प्यार है
Written by:
Kamaal Khan
Publisher:
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