Jubin Nautiyal and प्रकृति ककर - Agar Tum Saath Maahi Ve
बहती रहती
लहर नदिया सी
तेरी दुनिया में
मेरी दुनिया है तेरी चाहतों में
तू साथ है हो दिन रात है
अगर तुम साथ हो
तू साथ है हो दिन रात है
साया साया, माहि वे माहि वे
मेरी हर बात में साथ तू है
माहि वे! माहि वे
मेरे सारे हालात तू
हा आ आ
यह जीना भी, न जीना भी
है दोनों का तुमसे ही वास्ता
मैं ही तो हूँ तेरा पता
है दूसरा ना कोई रास्ता
तुम साथ हो या न हो क्या फर्क है
बेदर्द थी ज़िन्दगी बेदर्द है (बेदर्द थी ज़िन्दगी बेदर्द है)
तू साथ है हो दिन रात है
अगर तुम साथ हो
तू साथ है दिन रात है
साया साया, माहि वे! माहि वे
मेरी सब राज़, कल-आज, तू है
माहि वे माहि वे
मेरी हर उड़ान एक तू
वू वू वू वू वू वू वू वू वू वू वू
वू वू वू वू वू वू वू वू वू वू वू(ओहो हो)
वू वू वू वू वू वू वू वू वू वू वू (ओ ओ )
पल भर ठहर जाओ
दिल ये संभल जाए
कैसे तुम्हे रोका करूँ
मेरी तरफ आता हर ग़म फिसल जाए
आँखों में तुम को भरून
बिन बोले बातें तुमसे करूँ
अगर तुम साथ हो
तुम साथ हो
Written by:
A. R. RAHMAN, ABHIJIT SHARAD VAGHANI, IRSHAD KAMIL
Publisher:
Lyrics © Universal Music Publishing Group
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