Noor Jehan - Dil Ke Afsane

दिल के अफ़साने निगाहों की ज़ुबा तक पहुँचे
दिल के अफ़साने निगाहों की ज़ुबा तक पहुँचे
बात चले निकली है
बात चले निकली है अब देखे कहाँ तक पहुँचे
दिल के अफ़साने निगाहों की ज़ुबा तक पहुँचे, दिल के अफ़साने

जिन की आँखों ने कई बार किये हमसे सवाल
जिन के आँखों ने कई बार किये हमसे सवाल
उनकी यादों से महकने लगे वीरान ख़याल
लेके के दामन मे बहारे वो खिजा तक पहुँचे
बात चले निकली है
बात चले निकली है अब देखे कहाँ तक पहुँचे
दिल के अफ़साने निगाहों की ज़ुबा तक पहुँचे, दिल के अफ़साने

सहमे सहमे हुए जज़्बात ने अंगड़ाई ली
सहमे सहमे हुए जज़्बात ने अंगड़ाई ली
सोए सोए हो नगमात ने अंगड़ाई ली
खुद से शरमाए हुए उनके जहां तक पहुँचे
बात चले निकली है
बात चले निकली है अब देखे कहाँ तक पहुँचे
दिल के अफ़साने निगाहों की ज़ुबा तक पहुँचे, दिल के अफ़साने

जिन की आँखों ने कई बार किये हम से सवाल
जिन के आँखों ने कई बार किये हम से सवाल
उनकी यादों से महकने लगे वीरान ख़याल
लेके दामन मे बहारे वो खिजा तक पहुँचे
बात चले निकली है
बात चले निकली है अब देखे कहाँ तक पहुँचे
दिल के अफ़साने निगाहों की ज़ुबा तक पहुँचे, दिल के अफ़साने

Written by:
NOOR JEHAN

Publisher:
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