Anuradha Paudwal and Ravindra Beejoor - Ghanashyam Sundara [2]

घनश्याम सुंदरा
घनश्याम सुंदरा
श्रीधरा अरुणसूरज आला
जागो कृष्ण मुरारी गिरिधारी
जागो कृष्ण मुरारी
उदयाचल मित्र आया
घनश्याम सुंदरा

आ आ आ आ आ

आनंदकंदा प्रभात आई
बीत गई रजनी
बीत गई रजनी
दुहन करने क्षीरपात्र मे धेनु रंभाती
ध्यान लगाते गुरु वत्स भी
धेनु स्तन पान को
जागो कृष्ण मुरारी गिरिधारी
जागो कृष्ण मुरारी
उदयाचलने मित्र आया
घनश्याम सुंदरा

सायंकाल मे साथ साथ ही
द्विजगण सब वृक्षीं
सूर्योदय होते ही उड़ गये
करने सैर पक्षी
प्रभातकाल मे उठे कावडी तीर्थ पथ लक्षी (आ आ आ)
डाल सडासिंचन के गोपी

आ आ आ

कुंभल के कुक्षीं

यमुना किनारे जाके कन्हैया
यमुना किनारे जाके कन्हैया
दध्योदन भक्षी
घनश्याम सुंदरा श्रीधरा
लख मे सूरज आया

Written by:
Pranesh Kulkarni

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

Lyrics powered by Lyric Find

Anuradha Paudwal and Ravindra Beejoor

View Profile