Hamid Ali Khan - Ae Watan Pak Watan

ए वतन प्यारे वतन
ए वतन प्यारे वतन पाक वतन पाक वतन
ए मेरे प्यारे वतन
ए वतन पाक वतन पाक वतन पाक वतन
ए मेरे प्यारे वतन ए वतन प्यारे वतन

तुझ से मेरी तामनाओं की दुनिया पूर नूर
तुझ से है मेरी तामनाओं की दुनिया पूर नूर
अज़्म मेरा कवी मेरे इरादे है घायौऊर
मेरी हस्ती में आना है मेरी मस्ती में शऊर
जान फ़िज़ा मेरा तखयौल है तो शिरीन है सुखन
ए वतन प्यारे वतन
ए वतन प्यारे वतन पाक वतन पाक वतन
ए मेरे प्यारे वतन ए वतन प्यारे वतन

तू दिल अफ़रोज़ बहारों का तरो ताज़ा चमन
तू दिल अफ़रोज़ बहारों का तरो ताज़ा चमन
तू महकते हुए फूलों का सुहाना गुलशन
तू नवारेज़ आना दिल का बाहरी मसक़न
रंग-ओ-अहंग से मामूर तेरे कोहो दमन
ए वतन प्यारे वतन
ए वतन प्यारे वतन पाक वतन पाक वतन
ए मेरे प्यारे वतन ए वतन प्यारे वतन

मेरा दिल तेरी मोहब्बत का है जान बख़्श दैयार
मेरा दिल तेरी मोहब्बत का है जान बख़्श दैयार
मेरा सीना तेरी हुरमत का है संगीन हसार
मेरे महबूब वतन तुझ पे अगर जान हो निसार
में ये समझूंगा ठिकाने लगा सरमाया-ए-तन
ए वतन प्यारे वतन
ए वतन प्यारे वतन पाक वतन पाक वतन
ए मेरे प्यारे वतन ए वतन प्यारे वतन

Written by:
AMANAT ALI KHAN

Publisher:
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