Manna Dey, Hemant, Kumar and Ghulam Mohammed - Jab Dosti Hoti Hai To - Dialogue
अहसान नहीं होता
जब दोस्ती होती है तो दोस्ती होती है
और दोस्तों के कोई अहसान नहीं होता
जब दोस्ती होती है
जब दोस्ती होती है तो दोस्ती होती है
और दोस्तों के कोई अहसान नहीं होता
जब दोस्ती होती है
अरे जल बिन तड़पत मछली
जैसे नल बिन तड़पे पानी
अरे जल बिन तड़पत मछली
जैसे नल बिन तड़पे पानी ला ला ला ला ला ला
जल बिन तड़पत मछली
जैसे नल बिन तड़पे पानी
हो जल बिन तड़पत मछली
जैसे नल बिन तड़पे पानी
अर्थात पानी बिना चलते
अस्नान नहीं होता
जब दोस्ती होती है तो दोस्ती होती है
और दोस्तों के कोई अहसान नहीं होता
जब दोस्ती होती है
ये पांचों की पंचायत जो सोचे सही होगा
हम पांडव है भारत के जो कहदे वही होगा
ये पांचों की पंचायत जो सोचे सही होगा
हम पांडव है भारत के जो कहदे वही होगा
ओय जम के एक जमा दूं
दूध का दही होगा तो दूध का दही होगा
मीरा के प्रभु कहत है पीड़ा
जीवन काज करम कष्टिरा
भाई मीरा के प्रभु कहत है पीड़ा
जीवन काज करम कष्टिरा
अर्थात कष्ट बिना ये जीवन
आसान नहीं होता
जब दोस्ती होती है तो दोस्ती होती है
और दोस्तों के कोई अहसान नहीं होता
जब दोस्ती होती है
हह ऊँगली से ऊँगली का जब तक जोड़ सलामत
हाथ सलामत छोटी बड़ी है तो क्या
पांचो है तो हाथ सलामत
एक एक के है पाँच मुक़द्दर
तकलीफों से घबराना मत
नाज़े जोड जवानी पाँच से पाँच मील तो
बचपन पांचो साथ है हह
नुकसान नहीं होता
जब दोस्ती होती है तो दोस्ती होती है
और दोस्तों के कोई अहसान नहीं होता
जब दोस्ती होती है
जब दोस्ती होती है तो दोस्ती होती है
और दोस्तों के कोई अहसान नहीं होता
जब दोस्ती होती है
Written by:
Gulzar, KUMAR HEMANT
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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