Lata Mangeshkar - Kya Janu Sajan

क्या जानूँ सजन, होती है क्या गम की शाम
जल उठे सौ दिए, जब लिया तेरा नाम
क्या जानूँ सजन, होती है क्या गम की शाम
जल उठे सौ दिए, जब लिया तेरा नाम (आ आ)
क्या जानूँ सजन

काँटों में मैं खड़ी, नैनों के द्वार पे
नित दिन बहार के, देखूँ सपने
काँटों में मैं खड़ी, नैनों के द्वार पे (आ आ ओ ओ)
नित दिन बहार के, देखूँ सपने (आ आ)
चेहरे की धूल क्या चंदा की चांदनी
उतरी तो रह गयी, मुख पे अपनी
क्या जानूँ सजन, होती है क्या गम की शाम
जल उठे सौ दिए, जब लिया तेरा नाम
क्या जानूँ सजन

जब से मिली नज़र, माथे पे बन गए
बिंदिया नयन तेरे, देखो सजना
जब से मिली नज़र, माथे पे बन गए (आ आ ओ ओ)
बिंदिया नयन तेरे, देखो सजना (आ आ)
भर ली जो प्यार से मेरी कलाईयाँ
पिया तेरी उंगलियाँ हो गयी कंगना
क्या जानूँ सजन, होती है क्या गम की शाम
जल उठे सौ दिए, जब लिया तेरा नाम (आ आ)
क्या जानूँ सजन, होती है क्या गम की शाम
जल उठे सौ दिए, जब लिया तेरा नाम (आ आ)
क्या जानूँ सजन

Written by:
Majrooh Sultanpuri, R D Burman

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Lata Mangeshkar

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