S. Janaki - Tumhre Karan

तुम्हरे कारण सब सुख छोड्या अब मोहे क्यों तरसावो हो
अब मोहे क्यों तरसावो हो
तुम्हरे कारण सब सुख छोड्या अब मोहे क्यों तरसावो हो
अब मोहे क्यों तरसावो हो

बिरह बिथा लागी उर अंतर, सो तुम आय बुझावो हो
बिरह बिथा लागी उर अंतर, सो तुम आय बुझावो हो
सो तुम आय बुझावो हो
तुम्हरे कारण सब सुख छोड्या अब मोहे क्यों तरसावो हो
अब मोहे क्यों तरसावो हो

अब छोड़त नहीं बने प्रभुजी
अब छोड़त नहीं बने प्रभुजी
अब छोड़त नहीं बने प्रभुजी, हँसकर तुरत बुलावो हो
मीरा दासी जनम जनम की
मीरा दासी जनम जनम की अंग से अंग लगावो हो
मीरा दासी जनम जनम की अंग से अंग लगावो हो
अंग से अंग लगावो हो
तुम्हरे कारण सब सुख छोड्या अब मोहे क्यों तरसावो हो
अब मोहे क्यों तरसावो हो
तुम्हरे कारण सब सुख छोड्या

Written by:
S. JANAKI

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

Lyrics powered by Lyric Find

S. Janaki

S. Janaki

View Profile