Geeta Dutt and Kishore Kumar - Kabul Ki Main Naar
काबुल की मैं नार मेरी आँखे रसीली कटार
काबुल की मैं नार मेरी आँखे रसीली कटार
ज़रा आँख से आँख मिला ले पिया मौसम मज़ेदार
ज़रा आँख से आँख मिला ले
वल्लाह हो वल्लाह हो वल्लाह
मौसम मज़ेदार
हे हे हे हे ही
हुस्न की तू गुलनार यहाँ आशिक तेरे हज़ार
हुस्न की तू गुलनार यहाँ आशिक तेरे हज़ार
पर आया है बड़ी दूर से ये प्यार का बीमार
वै आया है बड़ी दूर से या खुश हो या खुश हो या खुश
प्यार का बीमार
हाय हाय हुर्र्रर
हाय हाय हाय हाय ह ह
पिला दे निगाहो के जाम और ले ले ये दिल का बादाम
इन होठों पे सुबह शाम रहता है तेरा ही नाम
पिला दे निगाहो के जाम और ले ले ये दिल का बादाम
इन होठों पे सुबह शाम रहता है तेरा ही नाम
कहती है मस्त बहार मेरी उलझी लट को संवार
कहती है मस्त बहार मेरी उलझी लट को संवार
मोहे प्यार के रंग मैं रंग दे पिया मौसम मज़ेदार
मोहे प्यार के रंग मैं रंग वल्लाह (है) हो वल्लाह (है)
हो वल्लाह मौसम मज़ेदार
है है है हुस्न की तू गुलनार यहाँ आशिक तेरे हज़ार
हुस्न की तू गुलनार यहाँ आशिक तेरे हज़ार
पर आया है बड़ी दूर से ये प्यार का बीमार
वै आया है बड़ी दूर से या खुश हो या खुश हो या खुश
प्यार का बीमार
भूरे रंगीले नवाब मेरा है कैसा शबाब
अरे कहता है दिल का रबब दुनिया बड़ी है ख़राब
भूरे रंगीले नवाब मेरा है कैसा शबाब
अरे कहता है दिल का रबाब दुनिया बड़ी है ख़राब
रूप के लोभी हज़ार वल्लाह कैसे करूँ ऐतबार
रूप के लोभी हज़ार है है है वल्लाह कैसे करुं ऐतबार (है है है )
मुझे अपने दिल में छुपा है ले पिया मौसम है मजेदार
मुझे अपने दिल में छुपा ले वल्लाह हो वल्लाह हो वल्लाह मौसम मज़ेदार
हुस्न की तू गुलनार यहाँ आशिक तेरे हज़ार
हुस्न की तू गुलनार यहाँ आशिक तेरे हज़ार
पर आया है बड़ी दूर से ये प्यार का बीमार
वै आया है बड़ी दूर से या खुश हो या खुश हो या खुश
प्यार का बीमार
Written by:
Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan
Publisher:
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