बिलाल खान and Mishal Khawaja - Apna Gham

रुक जाओ ना थोड़ी देर और
थकने लगा दिल कई दीनो के बाद
तेरी बातों से तेरी आखों पे
तेरी हर हसी में भूल रहे हम

अपना गुम अपना गम (अपना गम)
भूल रहे हैं अपना गम (भूल रहे हैं अपना गम)

चुरा लू दुनिया से तुझे
पर डरती हूँ में के लग ना जाए तुझे

अपना गुम अपना गम (अपना गम)
भूल रहे हैं अपना गम (भूल रहे हैं अपना गम)

अपना गम अपना गम अपना गम
अपना गम अपना गम अपना गम
ता रा रा ता रा रा ता रा रा
ता रा रा ता रा रा ता रा रा
ता रा रा ता रा रा ता रा रा
ता रा रा ता रा रा ता रा रा

गुफ़तगू की आदतें पर गई हैं जाना
तू खिलखिलते फूल जैसे हँसती है यारा
ज़िंदगी से माँगता हूँ कुछ नही ज़्यादा
साथ हो तेरा और हाथों मैं हाथ
यह निगाह यह अदा तेरी
खामोशी से बोलती हैं यू ही
में तेरे रंग मैं रुत मैं धुन मैं सपनो मे ढूँढ रहा हू

अपना गम अपना गम (अपना)
भूल रहे हैं अपना गम (भूल रहे हैं अपना गम)

अपना गम अपना गम अपना गम अपना गम अपना गम
अपना गम अपना गम अपना गम

Written by:
Zohaib Kazi, Ali Hamza

Publisher:
Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Reservoir Media Management, Inc.

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बिलाल खान and Mishal Khawaja

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