Shilpa Rao - Phuljhadiyon

फुलझड़ियों
अरी फुलझड़ियों
कसम से हुआ रे हाल तेरा अटपटा
पल में शबनम जैसी (हे)
तू फूलों से टपक जाए रे (हे)
पल में chewing gum जैसे (हे)
मसूड़ों से चिपक जाए रे (हे)
फुलझड़ियों
अरी फुलझड़ियों
दिलों के दरवाजे आहिस्ते से खटखटा

(?)

ताज्जुब का समान है तू फुलझड़ियों
Hormonal ज्वालामुखी तू फुलझड़ियों
हर अदा तेरी बेतुकी
फुलझड़ियों
अरी फुलझड़ियों
यूँ जल बिन मछली
की तरह ना छटपटा

Share बाज़ार की तरह क्यूँ
पारा यह तेरा चढ़ता उतरता है
कभी तू ईमली को तरसती है
तो कभी दिल मिर्च पे मरता है

पारो है देवदास की तू फुलझड़ियों
और कभी चंद्रमुखी तू फुलझड़ियों
मुस्कुरा क्यूँ है दुखी
फुलझड़ियों
अरी फुलझड़ियों
कसम से हुआ रे हाल तेरा अटपटा (कसम से हुआ रे हाल तेरा अटपटा)

Written by:
A R RAHMAN, AMITABH BHATTACHARYA

Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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Shilpa Rao

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