अजय-अतुल, Sunidhi Chauhan, Shreya Ghoshal and Amitabh Bhattacharya - Manzoor-e-Khuda
बाबा लौटा दे मोहे गुड़िया मोरी
अंगना का झूलना भी
ईमली की दार वाली मुनिया मोरी
चाँदी का पैइन्जना भी
इक हाथ में चिंगारियां
इक हाथ में साज़ है
हंसने की है आदत हमें
हर ग़म पे भी नाज़ है
आज अपने तमाशे पे महफ़िल को
करके रहेंगे फ़िदा
जब तलक ना करें जिस्म से जान
होगी नहीं ये जुदा
मंज़ूर-ए-खुदा
मंज़ूर-ए-खुदा
अंजाम होगा हमारा जो है
मंज़ूर-ए-खुदा
मंज़ूर-ए-खुदा, मंज़ूर-ए-खुदा
मंज़ूर-ए-खुदा, मंज़ूर-ए-खुदा
टूटे सितारों से रोशन हुआ है
नूर-ए-खुदा
हो चार दिन की गुलामी
जिस्म की है सलामी
रूह तो मुद्दतों से आज़ाद है
हो हम नहीं हैं यहाँ के
रहने वाले जहां के
वो शहरे आसमां में आबाद है
हो खिलते ही उजाड़ना है
मिलते ही बिछड़ना है
अपनी तो कहानी है ये
कागज़ के शिकारे में
दरिया से गुज़ारना है
ऐसी जिंदगानी है ये
जिंदगानी का हमपे जो है क़र्ज़
कर के रहेंगे अदा
जब तलक ना करें जिस्म से जान
होगी नहीं ये जुदा
मंज़ूर-ए-खुदा
मंज़ूर-ए-खुदा
अंजाम होगा हमारा जो है
मंज़ूर-ए-खुदा
मंज़ूर-ए-खुदा, मंज़ूर-ए-खुदा
मंज़ूर-ए-खुदा, मंज़ूर-ए-खुदा
टूटे सितारों से रोशन हुआ है
नूर-ए-खुदा
बाबा लौटा दे मोहे गुड़िया मोरी
अंगना का झूलना भी
इमली की डार वाली मुनिया मोरी
चाँदी का पैन्जना भी आ
Written by:
AJAY GOGAVALE, AMITABH BHATTACHARYA, ATUL GOGAVALE
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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