Kavita Krishnamurthy and Sukhwinder Singh - Nach Baliye

बंगरा पा गिदडा पा
जो भी पा सिड्डा पा
बंगरा पा गिदडा पा
जो भी पा सिड्डा पा
नाच बलिए नाच बलिए
आज मेरे नाल नाच बलिए
तेरे दड्डी से षधि
की इज़्जजत मिल गयी है
दामन भर के हुस्न
की दौलत मिल गयी है
बिन माँगे मनचाही
चाहत मिल गयी
तेरी मेरी मेरी तेरी
किस्मत मिल गयी
नाच माहिया नाच माहिया
सपना हमारा
होगा सच महिए
नाच बलिए नाच बलिए
आज मेरे नाल नाच बलिए

बंगरा पा गिदडा पा
जो भी पा सिड्डा पा
बंगरा पा गिदडा पा
जो भी पा सिड्डा पा
वो दारू किस काम की है जो
चढ़ के उतार जाती है
आँखों की मई सारो उमर को
बे खुद कर जाती है
वो दारू किस काम की है जो
चढ़ के उतार जाती है
आँखों की मई सारो उमर को
बे खुद कर जाती है
कोई तस्वीर अक्खा विच लेके
चंगा जीना किसीनू दिल देके
चंगा जीना किसीनू दिल देके
नि बलिए नाच बलिए नाच बलिए
नि बलिए नाच बलिए नाच बलिए
नज़दीक तो आओ जलवा दिखाओ
हर दिल की लेले तू आ
नाच बलिए नाच बलिए
आज मेरे नाल नाच बलिए
नाच माहिया नाच माहिया
सपना हमारा होगा सच महिए

बंगरा पा गिदडा पा
जो भी पा सिड्डा पा
बंगरा पा गिदडा पा
जो भी पा सिड्डा पा
सोणिये हीरिए
नाच बलिए नाच बलिए
नवी पहाड़ा नि गलिए
लाली मुखड़े पे
च्छा गयी आए हाय
लाली मुखड़े पे च्छा गयी आए
ओ गद्दी सादे इश्क़ दी
हड्ड पाटडि पे आ गयी वे
ओ गद्दी सादे इश्क़ दी
हड्ड पाटडि पे आ गयी वे
माही वे माही वे
माही वे माही वे
मेरे ढोल से माही वे
मेरी थाम के बैयाँ वे
ओ माही मेरी थाम
के बैयाँ वे
हो प्यार की बाजी च्चेने
चल छिया छिया वे
प्यार की बाजी च्चेने
चल च्चियाँ च्चाइयाँ वे
नि बलिए नाच
बलिए नाच बलिए
बलिए नाच बलिए
नादीक तो आओ जलवा दिखाओ
हर डिक की ले ले तू डुआं
नाच बलिए नाच बलिए
माही मेरे नाल नाच बलिए
तेरे दड्डी से षधि
की इज़्जजत मिल गयी है
दामन भर के हुस्न
की दौलत मिल गयी है
बिन माँगे मनचाही
चाहत मिल गयी
तेरी मेरी मेरी तेरी
किस्मत मिल गयी
नाच बलिए नाच बलिए
आज मेरे नाल नाच बलिए
नाच बलिए नाच बलिए
आज मेरे नाल नाच बलिए
मुबारका मुबारका
लाख लाख मुबारका
मुबारका मुबारका
मुबारका मुबारका
मुबारका मुबारका
मुबारका मुबारका

Written by:
Ravindra Jain

Publisher:
Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL)

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Kavita Krishnamurthy and Sukhwinder Singh

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