Mustahsan, Mustafa Zahid, Saad Sultan and Azaan Sami Khan - Doston
चाँद को चुरा लो
बाँध के उसे ज़मीन पे लाओ
साथ में बिताओ
रात भर जगाओ
ख्वाहिशों का ये अलाव भी जलाओ
चार दिन बचालो,आज इस घडी में आके जी ले
जिंदगी को छुले जो मिले उसे लेले
क्या हुआ क्या हो गया भूल जा
दोस्तों आधे आधे फिर ना जाए वो
बात से मुकर ना जायो वो
यूँ इधर उधर ना जायो वो
दोस्तों आधे आधे फिर ना जाए वो
बात से मुकर ना जायो वो
यूँ इधर उधर ना जायो वो
ख्वाब ख्वाब डोलते कदम
गोल गोल घूमते वहम
इशारे तुम्हारे ये सारे
किनारे लग जाएँगे सहारे
बन जाएँगे सितारे
आसमान से उतारो और जेबें भर लो
जो भी चाहे मनमानिया करो
दोस्तों बाल की ना खाल खींच लो
चाल देख भाग के चलो
जो भी है सवाल पूच लो
हमसफ़र बना लो चाँदनी के रंग में नहा लो
सुर में सुर मिला लो
दिल में घर बना लो
ज़िंदगी के आस पास पास आओ
दोस्तों ना बहानेबाज़ियाँ करो
उल्टी सीढ़ियाँ ना तुम चढ़ो
प्यार की किताब भी पढ़ो
दोस्तों ना बहानेबाज़ियाँ करो
उल्टी सीढ़ियाँ ना तुम चढ़ो
प्यार की किताब भी पढ़ो
Written by:
Shakeel Sohail, Saad Sultan, Azaan Sami Khan
Publisher:
Lyrics © Raleigh Music Publishing LLC
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