Vicky Singh - Jane Kyon Log Mohabbat Kiya

तन्हाई मिलती है, महफ़िल नहीं मिलती
राहें मुहब्बत में कभी मन्ज़िल नहीं मिलती
दिल टूट जाता है, नाकाम होता है
उल्फ़त में लोगों का यही अन्जाम होता है
कोई क्या जाने, क्यों ये परवाने,
क्यों मचलते हैं, ग़म में जलते हैं
आहें भर भर के दीवाने जिया करते हैं
आहें भर भर के दीवाने जिया करते हैं
जाने क्यों लोग मुहब्बत किया करते हैं
जाने क्यों लोग मुहब्बत किया करते हैं

सावन में आँखों को, कितना रुलाती है
फ़ुरक़त में जब दिल को किसी की याद आती है
ये ज़िन्दगी यूँ ही बरबाद होती है
हर वक़्त होंठों पे कोई फ़रियाद होती है
ना दवाओं का नाम चलता है
ना दुआओं से काम चलता है
ज़हर ये फिर भी सभी क्यों पिया करतें हैं
ज़हर ये फिर भी सभी क्यों पिया करतें हैं
जाने क्यों लोग मुहब्बत किया करते हैं
जाने क्यों लोग मुहब्बत किया करते हैं
दिल के बदले दर्दे दिल लिया करते हैं
जाने क्यों लोग मुहब्बत किया करते हैं

Written by:
Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Vicky Singh

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