Abhijeet Bhattacharya - Aanchal Raat Ka

आंचल रात का लहर जब गया
आंचल रात का लहर जब गया
एहसास क्यों जाने ऐसा हुआ
आंचल रात का लहर जब गया
एहसास क्यों जेन ऐसा हुआ
मुझे जैसे तुमने छूआ
मुझे जैसे तुमने छूआ
आंचल रात का लहर जब गया
एहसास क्यों जेन ऐसा हुआ
मुझे जैसे तुमने छुआ
मुझे जैसे तुमने छुआ
आंचल रात का
मेरी धड़कन में
मेरी धड़कन में
हलचल देखें होन लागी
हल्की खुशबू देखें मुझे भीगोन लगि
मेरा क्या है दोश,
मैंने खोये होश मधोश हो गया मैं
तेरे दिलनाशी फिर तोहो
हसीन यादों में खो गया मैं
आंचल रात का लहर जब गया,
एहसास क्यों जाने ऐसा हुआ
मुझे जैसे तुमने छूआ
मुझे जैसे तुमने छूआ
आंचल रात का लहर जब गया

चाहू तुमसे कहु
चाह तुमसे कहू होता है क्या आजकल
तरेन जिंटा राहु सोता नहीं एक पल
कैसे आए निंद जब हो
उम्मिद मिलने की दिल को मेरे
बस एक बार तुम कर लो
पर सीमाओं के ये घर
आंचल रात का लहर जब गया,
एहसास क्यों जेन ऐसा हुआ
मुझे जैसे तुमने छूआ
मुझे जैसे तुमने छूआ
आंचल रात का लहर जब गाय

Written by:
ABHIJEET, YOGESH

Publisher:
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Abhijeet Bhattacharya

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