Alka Yagnik and Hariharan - Nazaare Jaage
तुम जो आए तो फ़िज़्ज़ा
जागी नज़ारे जागे
तुम जो आए तो फ़िज़्ज़ा
जागी नज़ारे जागे
नर्मियाँ जागी निगाहों
में इशारे जागे
तुम जो आए तो फ़िज़्ज़ा
जागी नज़ारे जागे
तुम जो आए तो फ़िज़्ज़ा
जागी नज़ारे जागे
नर्मियाँ जागी निगाहों
में इशारे जागे
तुम जो आए तो फ़िज़्ज़ा
जागी नज़ारे जागे
घूँजे घूँजे हैं
फ़िज़्ज़ाओं में तराने कितने
खोए खोए से हैं
ये लम्हें सुहाने कितने
शाम ने पलके झुकाई
तो सितारे जागे
तुम जो आए तो फ़िज़्ज़ा
जागी नज़ारे जागे
धीरे धीरे हूमें
चाहत का यकीन आही गया
होल होल हसीन खबों
का नशा च्छा ही गया
दिल जो धड़का तो कहीं
अरमान हमारे जागे
नर्मियाँ जागी निगाहों
में इशारे जागे
तुम जो आए तो फ़िज़्ज़ा
जागी नज़ारे जागे
Written by:
JAVED AKHTAR, RAJU SINGH
Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC
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