Reshma - Bari Lambi Judai
बिछड़े अभी तो हम बस कल परसो
जिऊंगी मैं कैसे इस हाल में बरसो
मौत ना आई, तेरी याद क्यों आई, लंबी जुदाई
चार दिनों का प्यार हो रब्बा, बड़ी लंबी जुदाई
होठों पे आई मेरी जान दुहाई, हाय लंबी जुदाई
चार दिनों का प्यार हो रब्बा, बड़ी लंबी जुदाई
एक तो साजन मेरे पास नहीं रे
दूजे मिलन की कोई आस नहीं रे
दूजे मिलन की कोई आस नहीं रे
उसपे ये सावन आया, आग लगाई, लंबी जुदाई
चार दिनों का प्यार हो रब्बा, बड़ी लंबी जुदाई
टूटे जमाने तेरे हाथ निगोडे
जिन से दिलों के तूने शीशे तोड़े
हिज्र की उँची दीवार बनाई, लंबी जुदाई
चार दिनों का प्यार हो रब्बा, बड़ी लंबी जुदाई
बाग उजड़ गये खिलने से पहले
पंछी बिछड़ गये मिलने से पहले
पंछी बिछड़ गये मिलने से पहले
कोयल की कूक ने हुक उठाई, लंबी जुदाई
चार दिनों का प्यार हो रब्बा, बड़ी लंबी जुदाई
होठों पे आई मेरी जान दुहाई, हाय लंबी जुदाई
चार दिनों का प्यार हो रब्बा, बड़ी लंबी जुदाई
Written by:
Reshma
Publisher:
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