Pooja Gaitonde - Purana Yaar
पुराना यार जब मिलाता है कोई पुछ लाता हूं
पुराना यार जब मिलाता है कोई पुछ लाता हूं
वतन में वो जो कच्चा घर था मेरा
अब वो कैसा है
पुराना यार जब मिलाता है कोई पुछ लाता हूं
वतन में वो जो कच्चा घर था मेरा
अब वो कैसा है
पुराना यार जब मिलाता है कोई पुछ लाता हूं
जिस दिन मिट की दीवार जरा जो सर से ऊंची थी
कहीं आदि कहीं तिरछी के जो बिलकुल न सीधी थी
थी उन पर एक छत लोहे के बन टिप संरक्षक किस
वो पत्रे आंधियां चलती तोह
अक्सर उड़ भी जाते थे
कभी वो टूट जाते थे
कभी वो टूट जाते हैं वो कभी वो मिट्टी भी जाते थे
नया घर जा निकला आता था बारिश के जमाने में
के जाने मां के बीक जाते थे
हमें मौसम सुहाने में
पुराना यार जब मिलाता है कोई पुछ लाता हूं
वो कच्चा घर ही था अपनी जमीन और आसमान अपना
के जिस्की धूल मिट्टी में बसा था एक जहान अपना
माँ लिपटी थी पॉट-ती थी और सजती थी
माँ लिपटी थी पॉट-ती थी और सजती थी
के कच्चे घर को वो नादान एक
जन्नत बनाती थी के एक जन्नत बनाती थी
पुराना यार जब मिलाता है कोई पुछ लाता हूं
मोहब्बत थी यूज़ अस घर के एक एक ज़रे ज़रे से
मोहब्बत थी यूज़ अस घर के एक एक ज़रे ज़रे से
की जिसी धूल में एक रोज़ वो भी हो गई मिट्टी
जनजा जब उठा तो सब दारो दीवार रोए था
मिला एक उमरा का बनवास मुझे अपने हम घर से
जहां बचपन गुजरा कट गया उसी घर से
वो कच्चा घर अज़ीज़ो ने मेरे
अब बीच डाला है
खुदा जाने वहा क्या हो गया
क्या होने वाला है क्या होने वाला है
पुराना यार जब मिलाता है कोई पुछ लाता हूं
वतन में वो जो कच्चा घर था मेरा
पुराना यार जब मिलता है कोई पूछ लेता हूं
Written by:
IBRAHIM ASHK, ALI GHANI
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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