Talat Aziz - Sunli Jo Khuda Ne
सुंली जो खुदा ने वो दुआ तुम तो नहीं हो
सुंली जो खुदा ने वो दुआ तुम तो नहीं हो
दरवाज़े पे दस्तक की सदा तुम तो नहीं हो
सुंली जो खुदा ने वो दुआ तुम तो नहीं हो
सुंली जो खुदा ने वो दुआ तुम तो नहीं हो
सिमटी हुई श्रमाई हुई रात की निराली
सिमटी हुई श्रमाई हुई रात की निराली
सोई हुई कलियों की हया तुम तो नहीं हो
सोई हुई कलियों की हया तुम तो नहीं हो
दरवाज़े पे दस्तक की सदा तुम तो नहीं हो
सुंली जो खुदा ने वो दुआ तुम तो नहीं हो
महसूस किया तुमको तो गीली हुई पलके
महसूस किया तुमको तो गीली हुई पलके
महसूस किया तुमको तो गीली हुई पलके
भीगे हुए मौसम की अदा तुम तो नहीं हो
भीगे हुए मौसम की अदा तुम तो नहीं हो
दरवाज़े पे दस्तक की सदा तुम तो नहीं हो
सुंली जो खुदा ने वो दुआ तुम तो नहीं हो
इन अजनबी राहो में नहीं कोई भी मेरा
इन अजनबी राहो में नहीं कोई भी मेरा
किसने मुझे यूँ अपना कहा तुम तो नहीं हो
किसने मुझे यूँ अपना कहा तुम तो नहीं हो
दरवाज़े पे दस्तक की सदा तुम तो नहीं हो
सुंली जो खुदा ने वो दुआ तुम तो नहीं हो
सुंली जो खुदा ने वो दुआ तुम तो नहीं हो
वो दुआ तुम तो नहीं हो
वो दुआ तुम तो नहीं हो
Written by:
BASHIR BADAR, TALAT AZIZ
Publisher:
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