Ahmed Hussain and मोहम्मद हुसैन - Do Jawan Dilon Ka Gham

दो जवान दिलों का घाम
दूरियाँ समजाति हैं
कों याद करता हैं
हिसकियाँ समजाति हैं
कों याद करता हैं
हिसकियाँ समजाति हैं

तुम तो खुद ही कातिल हो
तुम ये बात क्या जानो
तुम तो खुद ही कातिल हो
तुम ये बात क्या जानो
तुम तो खुद ही कातिल हो
तुम ये बात क्या जानो
क्यूँ हुआ मैं दीवाना
बेड़ियाँ समजती हैं
क्यूँ हुआ मैं दीवाना
बेड़ियाँ समजती हैं
दो जवान दिलों का घाम
दूरियाँ समजाति हैं

पाँव से उतरती हैं
जब हसीन दोषीजा
पाँव से उतरती हैं
जब हसीन दोषीजा
पाँव से उतरती हैं
जब हसीन दोषीजा
जिस्म की नज़ाकत को
सीडियान समजती हैं
जिस्म की नज़ाकत को
सीडियान समजती हैं
दो जवान दिलों का घाम
दूरियाँ समजाति हैं

यूँ तो सारे गुलशन को
कितने लोग उगते हैं
यूँ तो सारे गुलशन को
कितने लोग उगते हैं
यूँ तो सारे गुलशन को
कितने लोग उगते हैं
फूल कॉआन तोड़ेगा
डालियां समजती हैं
फूल कॉआन तोड़ेगा
डालियां समजती हैं
दो जवान दिलों का घाम
दूरियाँ समजाति हैं

जिसने कर लिया दिल में
पहली बार घर दानिश
जिसने कर लिया दिल में
पहली बार घर दानिश
जिसने कर लिया दिल में
पहली बार घर दानिश
उसको मेरी आँखो की
पुतली समजती हैं
उसको मेरी आँखो की
पुतली समजती हैं
दो जवान दिलों का घाम
दूरियाँ समजाति हैं
कों याद करता हैं
हिसकियाँ समजाति हैं

Written by:
AHMED HUSSAIN, DANISH ALIGARHI, MOHAMMAD HUSSAIN

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Ahmed Hussain and मोहम्मद हुसैन

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